नई दिल्ली
हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी ने किसान संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जहां पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर किसानों के बातचीत करने वाले थे और उन्हें नए कृषि कानूनों का फायदा समझाने वाले थे. लेकिन उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में ही सीएम मनोहर लाल खट्टर को किसानों का भारी विरोध झेलना पड़ा. किसानों के विरोध के चलते उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा. जिसके बाद सीएम खट्टर ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी.

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम खट्टर ने कहा, "दिल्ली की सीमाओं पर जो धरने दिए जा रहे हैं खासकर टिगरी और सिंघु बॉर्डर पर उस संबंध में हमारा भी दायित्व बनता है कि किसानों को जो वास्तविकता है वो बताना चाहिए वर्ना एक साइड जो भ्रम फैलाता हुआ नजर आ रहा है ऐसे में अगर लोगों में स्थिति साफ नहीं होगी तो वास्तविकता पता नहीं लगेगी. इससे पहले हमने एक पंचायत की थी, उसकी जानकारी सबको हुई."

आज की घटना पर खट्टर ने कहा, "आज हमने एक कार्यक्रम रखा था. कल आंदोलनकारियों के नेताओं से प्रशासन की बात हो चुकी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि हम एक सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे लेकिन रैली में कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं करेंगे. उस बात पर विश्वास रखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारी की. लेकिन आज जब मुझे वहां पहुंचना था उससे पहले रैली में बड़ी संख्या में लोग वहां मौजूद थे. लगभग पांच हजार की जनता रैली में मौजूद थी. उस जनता का मैं आभार प्रकट करता हूं. खासकर कैमला गांव जहां ये रैली थी वहां का पूरा का पूरा गांव रैली में था."

खट्टर ने आगे कहा, "जैसा कल तय हुआ था उन वादों का उन लोगों ने उल्लंघन किया. कुछ लोग तो वायदे के मुताबिक जहां तय था वहां रुके रहे, लेकिन कुछ नौजवान, जो शायद उकसाए गए थे, उन लोगों ने वायदे का उल्लंघन किया. हमारे नेता मंच पर पहुंचे हुए थे. मुझे वहां हेलीकॉप्टर से पहुंचना था. वो लोग हेलीपैड पर पहुंच गए थे. जिस वजह से मैंने ये समझा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति नहीं बिगड़नी चाहिए इसलिए मैंने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैंने अपना हेलीकॉप्टर करनाल में उतरवाया."

खट्टर ने आगे कहा कि कुछ समय बाद हमारे प्रदेश अध्यक्ष का भाषण हुआ, शिक्षा मंत्री का भाषण हुआ, विधायक का भाषण हुआ, सबके भाषण हुए. हमें जो संदेश किसानों को देना था वो चला गया. जो विषय हमें बताने थे वो बता दिए गए. लेकिन चूंकि उस इलाके के लोगों को अपेक्षाएं थीं कि आज मुख्यमंत्री आएंगे तो उस इलाके के विकास से जुड़ी कुछ योजनाओं की घोषणा करेंगे. तो वो घोषणाएं तो मैं यहां से भी कर सकता हूं. उस इलाके के विकास के काम के लिए लगभग 100 करोड़ की योजनाएं उन्हें बतानी थीं जो निश्चित तौर पर फिर कभी बता दी जाएंगी. इसके अलावा 45 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट का उद्घाटन करना था. वो भी शायद प्रशासन ने कर दिया होगा अगर नहीं हुआ होगा तो फिर किसी मौके पर उसका उद्घाटन कर दूंगा.

उन्होंने आगे कहा, "आज की घटना पर मैं ये जरूर कहना चाहूंगा कि हमारे देश में एक स्थापित और मजबूत लोकतंत्र है. मजबूत लोकतंत्र में हमने पाया है कि बात कहने का अधिकार सबको है. हमने कभी भी किसानों के वक्तव्यों को रोका नहीं. किसान आंदोलन लगातार जारी है. कोविड के बावजूद भीड़ को रोका नहीं गया बल्कि बहुत सारे इंतजाम किए गए हैं."

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए खट्टर ने आगे कहा कि बाबा भीमराव आंबेडकर ने जो व्यवस्था हमें दी है उसका उल्लंघन ये देश की जनता मुझे नहीं लगता कि बर्दाश्त करेगी. इस देश में डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए पहले भी कांग्रेस ने 1975 में कोशिश की है जब आपातकाल हुआ था. आपातकाल के समय कांग्रेस का ये जो घिनौना काम है. उसको लोगों ने उस समय पहुंचाना और कांग्रेस की लंबी-पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका.

उन्होंने आगे कहा, "आज की घटना से मैं ये समझता हूं कि शायद जनता को मैं इतना बेहतर ढ़ंग से न समझा पाता जितना इस घटना ने संदेश दे दिया है. मेरे पास तमाम फोन आ रहे हैं कि ये ठीक नहीं हुआ. यही नहीं इन लोगों ने किसानों की भी बदनामी कराई है. ये किसान का रवैया नहीं हो सकता. हमारे देश का किसान कितना ही कम पढ़ा-लिखा होगा उसकी सिस्टम में गहरी आस्था होती है, वो बहुत समझदार है. इसलिए इनको उस तरह का समर्थन नहीं मिलने वाला है."

आज की घटना की जिम्मेदारी चढ़ूनी पर डालते हुए उन्होंने कहा, "इसमें अगर मैं एक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराऊं तो उसमें एक गुरनाम सिंह चढ़ूनी जिसने परसों से एक वीडियो चलाया. उन्होंने जिस तरह उकसाने का काम किया. उन्होंने लोगों का आह्वान किया. मैं जनता का प्रतिनिधि हूं, मुझे जनता के आशीर्वाद से ये स्थान मिला है. अब वो बहुत ज्यादा एक्सपोज होते जा रहे हैं."

Source : Agency